सरवाना थाने में हेड कांस्टेबल ₹50,000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार

जालोर के सरवाना थाने में हेड कांस्टेबल भंवरलाल को एसीबी ने ₹50,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

सरवाना थाने में हेड कांस्टेबल ₹50,000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार
सरवाना थाने में हेड कांस्टेबल भंवरलाल को एसीबी ने ₹50,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया

जयपुर, 6 सितंबर 2025 – राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जालोर जिले के सरवाना पुलिस थाने में तैनात हेड कांस्टेबल भंवरलाल (कांस्टेबल नंबर 709) को ₹50,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई शनिवार को सरवाना पुलिस थाने परिसर में स्थित उनके सरकारी आवास पर की गई, जहां उन्हें रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।

एसीबी की बाड़मेर इकाई ने जोधपुर रेंज के उपमहानिरीक्षक पुलिस भुवन भूषण यादव के पर्यवेक्षण में यह कार्रवाई की। एसीबी की अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (प्रभारी) स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि हेड कांस्टेबल भंवरलाल ने सरवाना पुलिस थाने में दर्ज एक मामले में जांच अधिकारी के रूप में एक वकील से ₹50,000 की रिश्वत मांगी थी। यह राशि उन्होंने मामले में पहले से नामजद आरोपियों के अलावा दो या अधिक अन्य सह-आरोपियों को मुल्जिम न बनाने और जांच में सहयोग करने के बदले में मांगी थी।

शिकायतकर्ता, जो मामले में आरोपियों का वकील है, ने इस रिश्वत की मांग की सूचना एसीबी की बाड़मेर इकाई को दी। शिकायत की पुष्टि के बाद, एक सटीक ट्रैप योजना तैयार की गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेंद्र कुमार के नेतृत्व में बाड़मेर एसीबी टीम ने कार्रवाई करते हुए भंवरलाल को ₹50,000 की रिश्वत लेते हुए मौके पर गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत की राशि को बरामद कर लिया गया, और आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई है।

एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है, और आगे की जांच जारी है। स्मिता श्रीवास्तव ने कहा कि एसीबी भ्रष्टाचार की शिकायतों पर त्वरित और कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह गिरफ्तारी भ्रष्टाचार में लिप्त सार्वजनिक सेवकों के लिए एक कड़ा संदेश है और राजस्थान में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को मजबूत करती है।

यह घटना राजस्थान में भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाइयों की श्रृंखला में एक और कड़ी है, जो प्रशासनिक और कानून प्रवर्तन क्षेत्रों में रिश्वतखोरी की गंभीर समस्या को उजागर करती है। एसीबी की सक्रिय कार्रवाइयां जनता का विश्वास बहाल करने और शासन में पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। मामले में आगे की जांच से अतिरिक्त जानकारी या आरोप सामने आ सकते हैं।